राम नवमी कब कहाँ और क्यू मनाया जाता हैं ? 

राम नवमी कब कहाँ और क्यू मनाया जाता हैं ?     राम नवमी हिंदू धर्म के सबसे महत्व पूर्ण त्योहारों में से एक हैं इस त्योहार को भगवान नारायण के अवतार श्री राम के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता हैं यह त्योहार चैत मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता हैं इस साल राम नवमी 30 मार्च 2023 को मनाया जाएगा ।     भगवान राम   हिंदू धर्म के महान अवतारों में से एक  हैं वे भगवान नारायण के 7 वे अवतार माने जाते हैं उनके जीवन का अधिकांश समय उनके पिता राजा दशरथ के राज्य पाठ सम्भालने में बिता था   लेकिन उनकी माता केकय के आज्ञ अनुसार उसे बनवास जाना परा इसी करण राजा दशरथ को पुत्र मोह में प्राण भी गवाना परा था       राम नवमी का महत्व इस लिए भी है की इस दिन भगवान राम का जन्म हुवा था यह दिन हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्व पूर्ण माना जाता हैं       भगवान राम का जन्म कब और कहाँ हुवा था ?   भगवान राम का जन्म संसार के सभी धर्म ग्रंथों के अनुसार त्रेता युग में हूवा था उनकी जन्म तिथि हिंदू पंचंग के चैत मास के शुक्ल पक्ष के दिन नवमी को मनाया जाता हैं यह त्योहार भारत के विभिन हिस्सों में धूम धाम से मनाया जाता हैं   भगवान राम का जन्म अस्थल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में इस्थित अयोध्या नगर में हुवा था   अयोध्या को राम जन्म भूमि के रूप में जाना जाता हैं भगवान राम के जन्म अस्थल के बारे में  कई कहानियाँ और ऐतिहासिक विवाद हैं लेकिन अधिकतर लोग अयोध्या को भगवान राम के जन्म अस्थल के रूप में मानते  हैं !      श्री राम भगवान की कथा?     बहुत समय पहलें की बात है त्रेता युग में एक राक्षस था जिसका नाम रावण था उन्होंने भगवान शंकर और ब्रहमदेव से अनेक वर पाकर बहुत सकती सालीं हों गया था   उसी सकती के मठ में चूर होकर उन्होंने इंद्र देव को भी बंदी बना लिया था देवता रावण का कुछ अहित नहीं कर सकता था क्यू की उसे महादेव ने वर दिया था एक बार तो रावण ने महादेव माता पार्वती सहित पूरे कैलाश पर्वत को अपने हाथों से उठा लिया था   रावण के पास इतना सकती था   रावण पृथ्वी पर बहुत अत्याचार कर रहा था ऋषि मुनि को सता रहा था   रावण सोने के नगरी लंका में रहता था लंका का राजा रावण बहुत बरा ज्ञानी तथा सकती सालीं था   उसके पापों का सजा देने के लिए देवताओं के कहने पर भगवान नारायण ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर शुक्ल पक्ष के दिन   श्री राम के रूप में अपने 4 भाइयों के सहित जन्म लिया   उनके भाइयों का नाम लक्ष्मण भारत शत्रुघन था     राम भगवान अपने जीवन में बहुत सारे कष्टों को झेला हैं   उने बहुत दुःख हुवा हैं   भगवान राम को राजा होते हुवे भेर 14 वर्ष तक अपने भई लक्ष्मण और पत्नी सीता सहित वनवास में रहना परा हैं बनवास में रावण नाम के राक्षस ने सीता माता का हरण कर लिया था   तभी श्री राम माता सीता को खोजते हुए आगे जा रहे थे तभी उन्हें हनुमान सुग्रीव अंगद जंबवंत से मुलाक़ात हुवा   और इन्ही के सहायता से भगवान  से भगवान को माता सीता का पता लग पाया और फिर भगवान ने रावण पर हमला कर दिया और उनके एक एक भाइयों सहित उनके अनेको पुत्रों का भी वध कर दिया   और फिर भगवान ने रावण का वध कर दिया   देवता बहुत खुश हुवे   और इस करण भगवान का पृथ्वी पर आना सफल हुवा   भगवान नारायण के 7 वे अवतार थे भगवान राम     मुझे उम्मीद है आप को ब्लॉग अच्छा लगा हों   दोस्तों मैं हूँ आप का भई और इस ब्लॉग का founder ब्लॉगर राहुल राजा आप को मेरे ब्लॉग में स्वागत हैं     आप का बहुत बहुत धन्यवाद जो आप ने मेरे ब्लॉग को ध्यान पूर्वक पढ़े हैं   धन्यवाद   जय हिंद



राम नवमी हिंदू धर्म के सबसे महत्व पूर्ण त्योहारों में से एक हैं इस त्योहार को भगवान नारायण के अवतार श्री राम के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता हैं यह त्योहार चैत मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता हैं इस साल राम नवमी 30 मार्च 2023 को मनाया जाएगा । 


भगवान राम 

हिंदू धर्म के महान अवतारों में से एक  हैं वे भगवान नारायण के 7 वे अवतार माने जाते हैं उनके जीवन का अधिकांश समय उनके पिता राजा दशरथ के राज्य पाठ सम्भालने में बिता था 

लेकिन उनकी माता केकय के आज्ञ अनुसार उसे बनवास जाना परा इसी करण राजा दशरथ को पुत्र मोह में प्राण भी गवाना परा था 




राम नवमी का महत्व इस लिए भी है की इस दिन भगवान राम का जन्म हुवा था यह दिन हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्व पूर्ण माना जाता हैं 



भगवान राम का जन्म कब और कहाँ हुवा था ? 

राम नवमी कब कहाँ और क्यू मनाया जाता हैं ?     राम नवमी हिंदू धर्म के सबसे महत्व पूर्ण त्योहारों में से एक हैं इस त्योहार को भगवान नारायण के अवतार श्री राम के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता हैं यह त्योहार चैत मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता हैं इस साल राम नवमी 30 मार्च 2023 को मनाया जाएगा ।     भगवान राम   हिंदू धर्म के महान अवतारों में से एक  हैं वे भगवान नारायण के 7 वे अवतार माने जाते हैं उनके जीवन का अधिकांश समय उनके पिता राजा दशरथ के राज्य पाठ सम्भालने में बिता था   लेकिन उनकी माता केकय के आज्ञ अनुसार उसे बनवास जाना परा इसी करण राजा दशरथ को पुत्र मोह में प्राण भी गवाना परा था       राम नवमी का महत्व इस लिए भी है की इस दिन भगवान राम का जन्म हुवा था यह दिन हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्व पूर्ण माना जाता हैं       भगवान राम का जन्म कब और कहाँ हुवा था ?   भगवान राम का जन्म संसार के सभी धर्म ग्रंथों के अनुसार त्रेता युग में हूवा था उनकी जन्म तिथि हिंदू पंचंग के चैत मास के शुक्ल पक्ष के दिन नवमी को मनाया जाता हैं यह त्योहार भारत के विभिन हिस्सों में धूम धाम से मनाया जाता हैं   भगवान राम का जन्म अस्थल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में इस्थित अयोध्या नगर में हुवा था   अयोध्या को राम जन्म भूमि के रूप में जाना जाता हैं भगवान राम के जन्म अस्थल के बारे में  कई कहानियाँ और ऐतिहासिक विवाद हैं लेकिन अधिकतर लोग अयोध्या को भगवान राम के जन्म अस्थल के रूप में मानते  हैं !      श्री राम भगवान की कथा?     बहुत समय पहलें की बात है त्रेता युग में एक राक्षस था जिसका नाम रावण था उन्होंने भगवान शंकर और ब्रहमदेव से अनेक वर पाकर बहुत सकती सालीं हों गया था   उसी सकती के मठ में चूर होकर उन्होंने इंद्र देव को भी बंदी बना लिया था देवता रावण का कुछ अहित नहीं कर सकता था क्यू की उसे महादेव ने वर दिया था एक बार तो रावण ने महादेव माता पार्वती सहित पूरे कैलाश पर्वत को अपने हाथों से उठा लिया था   रावण के पास इतना सकती था   रावण पृथ्वी पर बहुत अत्याचार कर रहा था ऋषि मुनि को सता रहा था   रावण सोने के नगरी लंका में रहता था लंका का राजा रावण बहुत बरा ज्ञानी तथा सकती सालीं था   उसके पापों का सजा देने के लिए देवताओं के कहने पर भगवान नारायण ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर शुक्ल पक्ष के दिन   श्री राम के रूप में अपने 4 भाइयों के सहित जन्म लिया   उनके भाइयों का नाम लक्ष्मण भारत शत्रुघन था     राम भगवान अपने जीवन में बहुत सारे कष्टों को झेला हैं   उने बहुत दुःख हुवा हैं   भगवान राम को राजा होते हुवे भेर 14 वर्ष तक अपने भई लक्ष्मण और पत्नी सीता सहित वनवास में रहना परा हैं बनवास में रावण नाम के राक्षस ने सीता माता का हरण कर लिया था   तभी श्री राम माता सीता को खोजते हुए आगे जा रहे थे तभी उन्हें हनुमान सुग्रीव अंगद जंबवंत से मुलाक़ात हुवा   और इन्ही के सहायता से भगवान  से भगवान को माता सीता का पता लग पाया और फिर भगवान ने रावण पर हमला कर दिया और उनके एक एक भाइयों सहित उनके अनेको पुत्रों का भी वध कर दिया   और फिर भगवान ने रावण का वध कर दिया   देवता बहुत खुश हुवे   और इस करण भगवान का पृथ्वी पर आना सफल हुवा   भगवान नारायण के 7 वे अवतार थे भगवान राम     मुझे उम्मीद है आप को ब्लॉग अच्छा लगा हों   दोस्तों मैं हूँ आप का भई और इस ब्लॉग का founder ब्लॉगर राहुल राजा आप को मेरे ब्लॉग में स्वागत हैं     आप का बहुत बहुत धन्यवाद जो आप ने मेरे ब्लॉग को ध्यान पूर्वक पढ़े हैं   धन्यवाद   जय हिंद

भगवान राम का जन्म संसार के सभी धर्म ग्रंथों के अनुसार त्रेता युग में हूवा था उनकी जन्म तिथि हिंदू पंचंग के चैत मास के शुक्ल पक्ष के दिन नवमी को मनाया जाता हैं यह त्योहार भारत के विभिन हिस्सों में धूम धाम से मनाया जाता हैं 

भगवान राम का जन्म अस्थल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में इस्थित अयोध्या नगर में हुवा था 

अयोध्या को राम जन्म भूमि के रूप में जाना जाता हैं भगवान राम के जन्म अस्थल के बारे में  कई कहानियाँ और ऐतिहासिक विवाद हैं लेकिन अधिकतर लोग अयोध्या को भगवान राम के जन्म अस्थल के रूप में मानते  हैं !  



श्री राम भगवान की कथा? 



बहुत समय पहलें की बात है त्रेता युग में एक राक्षस था जिसका नाम रावण था उन्होंने भगवान शंकर और ब्रहमदेव से अनेक वर पाकर बहुत सकती सालीं हों गया था 

उसी सकती के मठ में चूर होकर उन्होंने इंद्र देव को भी बंदी बना लिया था देवता रावण का कुछ अहित नहीं कर सकता था क्यू की उसे महादेव ने वर दिया था एक बार तो रावण ने महादेव माता पार्वती सहित पूरे कैलाश पर्वत को अपने हाथों से उठा लिया था 

रावण के पास इतना सकती था 

रावण पृथ्वी पर बहुत अत्याचार कर रहा था ऋषि मुनि को सता रहा था 

रावण सोने के नगरी लंका में रहता था लंका का राजा रावण बहुत बरा ज्ञानी तथा सकती सालीं था 

उसके पापों का सजा देने के लिए देवताओं के कहने पर भगवान नारायण ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर शुक्ल पक्ष के दिन 

श्री राम के रूप में अपने 4 भाइयों के सहित जन्म लिया 

उनके भाइयों का नाम लक्ष्मण भारत शत्रुघन था 

राम नवमी कब कहाँ और क्यू मनाया जाता हैं ?     राम नवमी हिंदू धर्म के सबसे महत्व पूर्ण त्योहारों में से एक हैं इस त्योहार को भगवान नारायण के अवतार श्री राम के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता हैं यह त्योहार चैत मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता हैं इस साल राम नवमी 30 मार्च 2023 को मनाया जाएगा ।     भगवान राम   हिंदू धर्म के महान अवतारों में से एक  हैं वे भगवान नारायण के 7 वे अवतार माने जाते हैं उनके जीवन का अधिकांश समय उनके पिता राजा दशरथ के राज्य पाठ सम्भालने में बिता था   लेकिन उनकी माता केकय के आज्ञ अनुसार उसे बनवास जाना परा इसी करण राजा दशरथ को पुत्र मोह में प्राण भी गवाना परा था       राम नवमी का महत्व इस लिए भी है की इस दिन भगवान राम का जन्म हुवा था यह दिन हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्व पूर्ण माना जाता हैं       भगवान राम का जन्म कब और कहाँ हुवा था ?   भगवान राम का जन्म संसार के सभी धर्म ग्रंथों के अनुसार त्रेता युग में हूवा था उनकी जन्म तिथि हिंदू पंचंग के चैत मास के शुक्ल पक्ष के दिन नवमी को मनाया जाता हैं यह त्योहार भारत के विभिन हिस्सों में धूम धाम से मनाया जाता हैं   भगवान राम का जन्म अस्थल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में इस्थित अयोध्या नगर में हुवा था   अयोध्या को राम जन्म भूमि के रूप में जाना जाता हैं भगवान राम के जन्म अस्थल के बारे में  कई कहानियाँ और ऐतिहासिक विवाद हैं लेकिन अधिकतर लोग अयोध्या को भगवान राम के जन्म अस्थल के रूप में मानते  हैं !      श्री राम भगवान की कथा?     बहुत समय पहलें की बात है त्रेता युग में एक राक्षस था जिसका नाम रावण था उन्होंने भगवान शंकर और ब्रहमदेव से अनेक वर पाकर बहुत सकती सालीं हों गया था   उसी सकती के मठ में चूर होकर उन्होंने इंद्र देव को भी बंदी बना लिया था देवता रावण का कुछ अहित नहीं कर सकता था क्यू की उसे महादेव ने वर दिया था एक बार तो रावण ने महादेव माता पार्वती सहित पूरे कैलाश पर्वत को अपने हाथों से उठा लिया था   रावण के पास इतना सकती था   रावण पृथ्वी पर बहुत अत्याचार कर रहा था ऋषि मुनि को सता रहा था   रावण सोने के नगरी लंका में रहता था लंका का राजा रावण बहुत बरा ज्ञानी तथा सकती सालीं था   उसके पापों का सजा देने के लिए देवताओं के कहने पर भगवान नारायण ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर शुक्ल पक्ष के दिन   श्री राम के रूप में अपने 4 भाइयों के सहित जन्म लिया   उनके भाइयों का नाम लक्ष्मण भारत शत्रुघन था     राम भगवान अपने जीवन में बहुत सारे कष्टों को झेला हैं   उने बहुत दुःख हुवा हैं   भगवान राम को राजा होते हुवे भेर 14 वर्ष तक अपने भई लक्ष्मण और पत्नी सीता सहित वनवास में रहना परा हैं बनवास में रावण नाम के राक्षस ने सीता माता का हरण कर लिया था   तभी श्री राम माता सीता को खोजते हुए आगे जा रहे थे तभी उन्हें हनुमान सुग्रीव अंगद जंबवंत से मुलाक़ात हुवा   और इन्ही के सहायता से भगवान  से भगवान को माता सीता का पता लग पाया और फिर भगवान ने रावण पर हमला कर दिया और उनके एक एक भाइयों सहित उनके अनेको पुत्रों का भी वध कर दिया   और फिर भगवान ने रावण का वध कर दिया   देवता बहुत खुश हुवे   और इस करण भगवान का पृथ्वी पर आना सफल हुवा   भगवान नारायण के 7 वे अवतार थे भगवान राम     मुझे उम्मीद है आप को ब्लॉग अच्छा लगा हों   दोस्तों मैं हूँ आप का भई और इस ब्लॉग का founder ब्लॉगर राहुल राजा आप को मेरे ब्लॉग में स्वागत हैं     आप का बहुत बहुत धन्यवाद जो आप ने मेरे ब्लॉग को ध्यान पूर्वक पढ़े हैं   धन्यवाद   जय हिंद


राम भगवान अपने जीवन में बहुत सारे कष्टों को झेला हैं 

उने बहुत दुःख हुवा हैं 

भगवान राम को राजा होते हुवे भेर 14 वर्ष तक अपने भई लक्ष्मण और पत्नी सीता सहित वनवास में रहना परा हैं बनवास में रावण नाम के राक्षस ने सीता माता का हरण कर लिया था 

तभी श्री राम माता सीता को खोजते हुए आगे जा रहे थे तभी उन्हें हनुमान सुग्रीव अंगद जंबवंत से मुलाक़ात हुवा 

और इन्ही के सहायता से भगवान  से भगवान को माता सीता का पता लग पाया और फिर भगवान ने रावण पर हमला कर दिया और उनके एक एक भाइयों सहित उनके अनेको पुत्रों का भी वध कर दिया 

और फिर भगवान ने रावण का वध कर दिया 

देवता बहुत खुश हुवे 

और इस करण भगवान का पृथ्वी पर आना सफल हुवा 

भगवान नारायण के 7 वे अवतार थे भगवान राम 


मुझे उम्मीद है आप को ब्लॉग अच्छा लगा हों 

दोस्तों मैं हूँ आप का भई और इस ब्लॉग का founder ब्लॉगर राहुल राजा आप को मेरे ब्लॉग में स्वागत हैं 


आप का बहुत बहुत धन्यवाद जो आप ने मेरे ब्लॉग को ध्यान पूर्वक पढ़े हैं 

धन्यवाद 

जय हिंद